बिलग्राम में सातवी मोहर्रम के दिन कुदरती अलम की कराई गई जियारत



हजारों की संख्या में लोग जियारत करने के लिए दूर दराज से आकर मांगी मन्नत
संवादाता विधान केसरी 

बिलग्राम बुधवार को मोहर्रम की सातवीं तारीख को बिलग्राम कस्बे के मोहल्ला मैदानपुरा में कुदरती अलम शरीफ की जियारत करवाई गई जिसे देखने के लिए आसपास इलाके के अलावा दूर दूर से लोग यहाँ चल कर अपनी अपनी मन्नतें मांगने आते हैं और कुदरती अलम में मन्नत का धागा बांध कर उसके तवससुल से दुआएं मांगते हैं ये अलम डाक्टर बादशाह हुसैन वास्ती की सरपरस्ती में उठाया जाता है जिनके साथ में मोहल्ला मैदानपुरा से काफी तादाद में अकीदतमंदो का जमावड़ा रहता है आज दोपहर 2 बजे से इस अलम शरीफ को पुरखों से चले आ रहे तौर तरीकों से बादशाह हुसैन वास्ती  गुस्ल दिला कर अलम शरीफ की आये हुए हजारों की संख्या में अकीदतमंदो ने की जियारत आपको बताते चलें कि कुदरती आलम क्या है हकीकत तारीख बताती है हजरत सैयद उल आरिफीन सैयद शाह लुधा बिलग्रामी हज के लिए व हुजूर के रोजे ऐ मुबारक की जियारत के लिए तशरीफ ले गए थे इन साआदतो से सरफराज हो कर्बला इमाम ऐ अली मकाम हुसैन शहीद ऐ कर्बला राजियाल्लाहू अन्हु की बारगाह में हाजिरी दी देर रात में जब महव ए ख्वाब हुए तो सैयदना इमाम अली की जियारत नसीब हुई आप ने इस अलम परचम की निशानदेही फरमाई की फला जगह आलम छांव में दबा हुआ है इसे निकाल लो हजरत ने बेदार होकर उस जगह जमीन खोदी तो आलम का बलाई हिस्सा बरामद हो गया अब निहायत मशहूर हुए और इसे अपने साथ बिलग्राम शरीफ ले आए अल्लाह हू अलम अलम शरीफ की जियारत साथ मोहर्रम का खान काहे सुग्रबिया बिलग्राम शरीफ में कराई जाती है ये अलम शरीफ को कर्बला में बहत्तर शहीदों में शहीद हजरत अब्बास अलमदार के अलम का ऊपरी हिस्सा है जो गुंबद नुमा दिखाई देता है ये अलम बिलग्राम के कामिल वली सय्यद लुतफुल्लाह उर्फ लदह मियां भी कहा जाता है मोहर्रम की सातवीं तारीख को कर्बला में मिला था जब आप मक्का मदीना कर्बला और दीगर मकामात की जियारत कर अपने वतन वापस आये थे जब आप अपने वतन बिलग्राम पहुंचे तो वो तारीख भी सातवीं मोहर्रम की थी इसलिए आज भी सातवीं तारीख को इस अलम की जियारत कराने का सिलसिला पुरखों से चला आ रहा है जिसमे अन्जुमन आजाए हुसैन मातम करती हुई अपने कदीमी रास्ते से गई जिसमें नोहाखानी कर  अपनी मख्सूस अंदाज में नोहाखानी की गई व जिसमें अंजुमन अजाए हुसैन सहित कई अंजुमन के मातम दार मौजूद रहें

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