बेमौसम बारिश में भींगकर टमाटर हुआ गुस्से में लाल महंगाई की मार ने रसोई का बजट बिगाड़ा

 


किचन से गायब होता जा रहा है. दरअसल, टमाटर की फसल को हुए नुकसान के चलते इसकी कीमत आसमान पर पहुंच गई है
जिला संवादाता फारूक कुरैशी

बिलग्राम हरदोई में टमाटर की कीमतों  पर महंगाई की मार ने रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है. दरअसल, आलू, प्याज और टमाटर ऐसी सब्जियों में शामिल है, जो लगभग हर रोज इस्तेमाल में लाई जाती हैं. महीने भर के भीतर ही टमाटर के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. एक ओर जहां थोक मार्केट में ये 65 रुपये से 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है, तो रिटेल में इसकी कीमत ने शतक लगा दिया है.भाव महीने भर पहले यही लाल टमाटर रिटेल में 10 से 20 रुपये तक बेचा जा रहा था. वहीं बीते दो हफ्ते पहले भी इसकी कीमत बाजारों में होलसेल में 30 से 35 रुपये औऱ रिटेल में 40 से 45 रुपये प्रति किलोग्राम पर थी इस हिसाब से देखें तो अब इसका भाव  मंडियों में लगभग दोगुना हो चुका है. 
उत्तर प्रदेश से टमाटर की सप्लाई में गिरावट आई है। अब  गैर प्रांतों से टमाटर आ रहा है। उन्होंने कहा कि खेतों में लगी टमाटर की फसल बारिश के कारण बर्बाद हो गई है। केवल वही पौधे बचे हैं जो वायर के सपोर्ट पर हैं। कम कीमत के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए किसानों ने टमाटर के खेतों की देखभाल छोड़ दी थी।वही किसानों  ने बताया है कि मई में टमाटर की कीमत तीन रुपये तक गिर गई थी। इसलिए किसानों ने खेतों में पेस्टिसाइड्स का छिड़काव नहीं किया और खाद भी नहीं डाली। इससे फसल पर कीड़ा लग गया और उत्पादन गिर गया। थोक व्यापारी इतने रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं थोक व्यापारी ने बताया है, कि वर्षा और ओलावृष्टि की वजह से टमाटर की लगभग 50 प्रतिशत फसल चौपट हो चुकी है। इसकी वजह से अचानक बाजार में टमाटर की आवक में गिरावट आई है। नतीजतन भाव बढ़ने लगा। फिलहाल, थोक व्यापारी 16 से 22 रुपए किलो टमाटर खरीद रहे हैं।थे यही वजह है, जो मंगलवार को इसका भाव 80 रुपए से 100 रुपए किलो पर पहुँच गया है। मौसम अगर ठीक रहा तो कुछ ही हफ्तों के अंदर कीमत में गिरावट आ सकती है।

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