स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे झोलाछाप डाक्टरों का बोलबाला


मंडल संवाददाता लखनऊ 

संडीला/हरदोई संडीला तहसील के अंतर्गत झोलाझाप डाक्टरों की फौज बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नतीजा है कि खुलेआम क्लीनिक संचालित कर मरीजों का न केवल इलाज किया जा रहा है बल्कि नियम विरुद्ध मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है।संडीला में झोलाझाप डाक्टरों की फौज बढ़ती जा रही है। कई वर्षो से चल रहे इस कारोबार पर स्वास्थ्य विभाग की भी नजर है लेकिन जब झोलाझाप डाक्टरों को लेकर शहर में सवाल खड़े होने लगे तो आनन-फानन में उन्हें नोटिस देकर उनकी डिग्री और मान्यता सहित दस्तावेज प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए लेकिन झोलाछाप डाक्टरों ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के बजाए अपना क्लीनिक ही बंद कर फरार हो गए। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह शहर में सालों से मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता रहा है और यह सब स्वास्थ्य विभाग और जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की नाक के नीचे हो रहा था।यह है मामला :शहर के सांडीला में और कई ग्रामीण इलाकों का है जिसमे झोलाछाप डॉक्टर अपने घर और गली मोहल्ले में फर्जी तरीके से क्लीनिक खोलकर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी शिकायत लगातार स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच रही है।लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। ग्रामीण इलाकों में कुछ हॉस्पिटल ऐसे भी हैं जहां पर नए लड़कों को ट्रेनिंग भी दी जाती है। लेकिन ऐसे लोगों को किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है। कुछ हॉस्पिटल ऐसे भी हैं जिनका एक रजिस्ट्रेशन है और हॉस्पिटल एक से अधिक चल रहा है। इन सब की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को होने के बावजूद भी जिले में फर्जी तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।इसे लेकर कई शिकायत स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंच रही है। लेकिन सूचना होने के बाद भी 
अधिकारी मौके पर जाकर जांच नहीं करते है।फर्जी हॉस्पिटलों में किसी का रजिस्ट्रेशन है किसी का नहीं है और कोई भी डॉक्टर नहीं आते हैं सिर्फ कोई बात पड़ती है तो फोन पर बात कर के मामले को रख दफे करवा दिया जाता है।मैं प्रशासन से अपील करना चाहता हूं कि इन झूला छाप लोगों का किसका मिल रहा है संरक्षण।कहीं सिस्टम ही तो नहीं बिका हुआ है।जो मामला ले देकर राफे दफ़े कर दिया जाता है।आखिर कब होगी जिला छाप लोगों पर कार्रवाई।

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